उदित नारायण बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के एक ऐसे गायक हैं जिन्होंने अभी तक 1000 से अधिक गानों में अपनी आवाज दी है। यह गायक जिस किसी भी गाने में अपनी सुरीली आवाज का जादू चलाता है तब सभी लोग उनकी गायकी को सुनकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और यह कहते नजर आते हैं कि इनसे सुरीला गायक पूरे बॉलीवुड में कोई भी नहीं है। उदित नारायण की तरह ही उनके बेटे भी अब बॉलीवुड में कदम रख चुके हैं और उनकी सुरीली आवाज भी लोगों को बहुत पसंद आती है। हाल फिलहाल में यह गायक छोटे पर्दे पर प्रसारित होने वाले कई धारावाहिकों में बतौर जज के रूप में नजर आता है। आइए आपको बताते हैं इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उदित नारायण ने कैसे इतना लंबा संघर्ष किया है कि एक समय में उन्होंने अपना जीवन समाप्त करने का सोच लिया था।
उदित नारायण आज है बॉलीवुड के सबसे बड़े गायक
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के हजारों गानों में अपनी सुरीली आवाज से लोगों को दीवाना बनाने वाले उदित नारायण की जिंदगी हमेशा से ऐसी नहीं थी। उदित नारायण जो छोटे पर्दे के कई धारावाहिकों में बतौर जज की भूमिका में नजर आते हैं उन्होंने बताया है कि इस मुकाम पर आने के लिए बहुत संघर्ष किया है। उदित नारायण ने बताया है कि एक समय में वह होटल में नौकरी किया करते थे और अपने परिवार का घर चलाने के लिए उन्हें यह सब काम करना पड़ता था। नेपाल के एक छोटे से रेडियो स्टेशन में भी उदित नारायण ने लंबे समय तक काम किया था और खुद उनका मानना था कि वह जिंदगी से पूरी तरह से हार मान चुके हैं। आइए आपको बताते हैं कैसे उदित नारायण की किस्मत एक ऐसे गाने ने बदल दी जिसका शुक्रिया आज भी वह करते नजर आते हैं।
उदित नारायण की किस्मत बदल दी इस गाने ने
उदित नारायण बॉलीवुड की फिल्म इंडस्ट्री में 1980 में आ गए थे और कई छोटे-बड़े फिल्मों में उन्होंने अपनी गायकी का जलवा दिखाया था लेकिन उन्हें सबसे बड़ी पहचान फिल्म 1988 में मिली जब आमिर खान की फिल्म में उन्होंने “पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा” गाना गाया। इस गाने की लोकप्रियता देखते-देखते लोगों को पसंद आने लगी और सभी लोग उस दौर में यह समझ गए कि उदित नारायण बॉलीवुड पर राज करने के लिए आए हैं। इस फिल्म के गाने को फिल्मफेयर का पुरस्कार भी मिला था लेकिन इससे भी बड़ा गाना उन्होंने 1995 में शाहरुख खान की फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे में आएगा जब उन्होंने मेहंदी लगा के रखना गाया था। इस गाने के बाद आज तक उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है और खुद उदित नारायण का मानना है कि संघर्ष ही सफलता की असली पहचान होती है और इसी वजह से जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए।