रामविलास पासवान के सुपुत्र चिराग पासवान जो अब अपने कंधे पर अपनी पार्टी का भार लेकर आगे की तरफ चल रहे हैं हाल ही में यह नेता अपने गांव पहुंचा था जहां पर पहली बार वह अपनी दोनों मां से मुलाकात करते नजर आए। 44 सालों में यह पहली बार देखा गया जब रामविलास पासवान की दोनों पत्नियों एक दूसरे के साथ में नजर आई। इस दौरान दोनों ही मां ने मिलकर अपने बेटे चिराग पासवान को आशीर्वाद दिया और यह कहते नजर आए की राजनीति के क्षेत्र में उन्हें जमकर सफलता मिले और उनके पास किसी प्रकार की कोई कमी ना हो। आइए बताते हैं आखिर किस वजह से चिराग पासवान अपनी दोनों मां को एक साथ लाने में सफल रहे जिसके बाद सभी लोग इस नेता की भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे है।
रामविलास पासवान की दोनों पत्नी एक साथ आई नजर
लोक जनशक्ति पार्टी के मुख्य अध्यक्ष चिराग पासवान बीते दिनों अपने पैतृक गांव शहरबन्नी गए जहां पर जाने के लिए उन्होंने अपने मां रीना देवी को भी साथ में लिया। रीना देवी के बारे में आपको बता दें कि वह रामविलास पासवान की दूसरी पत्नी है और रामविलास पासवान ने पहली शादी अपने ही पैतृक गांव में की थी जहां पर राजकुमारी देवी रहती है। सोशल मीडिया पर देखते ही देखते रामविलास पासवान की दोनों पत्नियों की तस्वीरें सामने आई जिसमें यह दोनों मां ने अपने बेटे चिराग पासवान को आशीर्वाद देते नजर आई। जिस किसी ने भी यह खूबसूरत पल देखा है तब सभी लोग चिराग पासवान को बहुत खुशकिस्मत कहते नजर आए और आइए आपको बताते हैं आखिर किस मौके पर चिराग पासवान अपने पैतृक गांव लंबे इंतजार के बाद पहुंचे थे जहां पूरा गांव उनका पलक बिछा कर इंतजार कर रहा था।
चिराग पासवान इस वजह से पहुंचे थे अपने पैतृक गांव
लोक जनशक्ति पार्टी के मुख्य अध्यक्ष चिराग पासवान बीते दिनों अपने पैतृक गांव पहुंचे और उस स्कूल में गए जहां पर से उनके पिता रामविलास पासवान ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी। इस दौरान अपने पैतृक आवास पर पहुंचते ही चिराग पासवान के आंखों से आंसू छलक गए और वह अपनी दोनों मांओं का आशीर्वाद लेते नजर आए। दरअसल चिराग पासवान यहां पर अपने दादा और दादी की पुण्य आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पहुंचे थे और इसी वजह से वह अपनी मां रीना पासवान को भी साथ में लेकर गए थे। जिस किसी ने भी चिराग पासवान के इस शानदार व्यवहार को देखा तब सभी लोग यह कहते नजर आए कि यह नेता अपने से बड़ों के संस्कारों को बिल्कुल नहीं भुला है और आज भी वह हर साल अपने दादा दादी को श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं।