बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है, जिसकी आबादी लगातार कम होती जा रही है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में मौजूद वाजिद अली शाह जूलॉजिक पार्क में रहने वाले किशन नामक बाघ का निधन हो गया है, जिससे वन्य जीव प्रेमी काफी निराश हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो किशन बाघ लंबे समय से कैंसर से पीड़ित था, जिसकी वजह से 31 दिसम्बर 2022 को उसकी मृत्यु हो गई। इस बाघ को किशनपुर टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू करके 1 मार्च 2009 को लखनऊ में स्थित नवाब वाजिद अली शाह पार्क लाया गया था।
कैंसर से पीड़ित था किशन बाघ
किशन बाघ हिमेंजिओसार्कोना नामक कैंसर से पीड़ित था, जिसमें पीड़ित के मुंह, चेहरे और कान के आसपास एरिया को बुरी तरह से प्रभावित करता है। किशन बाघ के चेहरे और मुंह में यह कैंसर काफी ज्यादा फैल गया था, जिसकी वजह से वह न तो शिकार कर पाता था और न ही भोजन खा सकता था।
ऐसे में वाजिद अली शाह पार्क के कर्मचारी किशन बाघ का खास ख्याल रखते थे, लेकिन इसके बावजूद भी उसे बचाया नहीं जा सका। किशन बाघ पिछले 13 सालों से वाजिद अली शाह पार्क में था, जो बढ़ती उम्र और गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के बावजूद भी काफी फुर्तीला था।
हालांकि मृत्यु से कुछ दिन पहले किशन बाघ का व्यवहार काफी बदल गया था, जबकि वह समय पर खाना भी नहीं खा रहा था। उसने पार्क में टहलना बंद कर दिया था, जबकि पूरा दिन एक ही जगह पर लेटा रहता था। किशन बाघ के इस व्यवहार से कर्मचारी समझ गए थे कि उसका आखिरी वक्त नजदीक आ गया था, जिसके बाद नम आंखों से कर्मचारियों ने किशन बाघ को अंतिम विदाई दी।